अकोला। मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी ने हाल ही में अपने पुरस्कारों की घोषणा की है। इस क्रम में, अकोला की बहू और इंदौर में जन्मी साहित्यकार शशि पुरवार को वर्ष 2022-23 के प्रादेशिक श्री नरेश मेहता पटकथा लेखन पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। शशि पुरवार लंबे समय से साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय हैं और उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें पहले भी कई सम्मान मिल चुके हैं।
महाराष्ट्र साहित्य अकादमी का संत नामदेव स्वर्ण पुरस्कार भी उन्हें प्रदान किया जा चुका है। उनकी साहित्यिक कृतियों को अकादमिक स्तर पर भी सराहा गया है। इस वर्ष संत गाड़गे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय के बी.ए. प्रथम और तृतीय वर्ष के पाठ्यक्रम में उनकी किन्नर काव्य और कहानियों को शामिल किया गया है। 2023 में उनकी बाल साहित्य पुस्तक चला चंदा हरियाली के गांव प्रकाशित हुई और पंडित जवाहरलाल नेहरु अकादमी द्वारा चयनित की गई. इसके अतिरिक्त, उन्होंने कई साहित्यिक पुस्तकों का संपादन भी किया है। उनके संपादन में प्रकाशित 'इंद्रधनुष के रंग' श्रेष्ठ कहानीकारों की कहानियां संग्रह को भी साहित्य जगत में सराहा गया है। शशि पुरवार का साहित्यिक योगदान रेडियो प्रसारण तक पहुंचा है, जहां आकाशवाणी से उनके कार्यक्रम प्रसारित हुए। उनके लेखन में कविता, कहानी, निबंध, और बाल साहित्य सहित सभी विधाएं शामिल हैं। मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा उनकी कृति को पुरस्कार के लिए चुने जाने पर अकोला के साहित्य प्रेमियों और हिंदी साहित्यकारों ने हर्ष व्यक्त किया है।
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