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गाय के गोबर से बनी धूपबत्ती हस्तशिल्प मेले को महका रही है


उज्जैन। कालिदास अकादमी के निकट पीजीबीटी कॉलेज परिसर में चल रहे हस्तशिल्प मेला अब परवान पर है। मेले में प्रतिदिन हजारों दर्शकों की भीड़ उमड़ रही है। हस्त कला को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष इस मेले का आयोजन होता है। मेले में खादी कपड़े,कपड़ों पर कसीदाकारी, मिट्टी और चीनी मिट्टी के बर्तन, हेंड मेक ज्वेलरी, पेंटीग, चमड़ेे से बने जुते और बेल्ट जैसी चीजे खरीददारों का मन लुभाती है। इन सबके बीच एक दूकान ऐसी भी है जहॉ पर गाय के गोबर से बनी धूप बत्ती, अगरबत्ती और अग्निहोत्री के कप दिखाई दिए। जो की पूरी तरह से कोयला और लकड़ी के बुरे से मुक्त है।

आशापूर्णा गृह उद्योग के संचालक प्रशांत व्यास 'रूद्र' ने जानकारी देते हुए बताया कि गोबर से बनी धूपबत्ती में चार-पॉच तरह की सुगंध का इस्तेमाल होता है। जिनमें कपूर, चंदन, गुलाब, मोगरा, गुगल प्रमुख है। हवन कप में भी गुगल, जटामासी,लोंग, इलायची लोबान,पंचांग धूप पाउडर और चंदन का उपयोग किया जाता है। इसके लिए गाय का गोबर खरीदकर उसकी सफाई करके धूपबत्ती बनाई जाती है। धार्मिक उपयोग की वस्तु होने से इनके निर्माण की प्रक्रिया में पूरी तरह शुद्धता रखी जाती है। ये निर्माण पिछले दो सालों से श्री व्यास कर रहे है। पहली बार उन्होने हस्तशिल्प मेले में अपने उत्पाद रखे है। घर के वातावरण को शुद्ध करने के लिए हिंदू धर्म में जिन वस्तुओं का उपयोग होता है वे सब हवन कप में डाली जाती है। इससे वातावरण की शुद्धि होती है और मानसिक शांति भी मिलती है, इस कारण ये उत्पाद लोगों को पंसद आ रहे।

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