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उज्जैन की सांस्कृतिक विरासत को फैलाने वाले सच्चे सपूत थे डॉ. देवेन्द्र जोशी

पत्रकार ,साहित्यकार डॉ. देवेन्द्र जोशी की देह पंचतत्व में विलीन


उज्जैन। पत्रकार और साहित्यकार डॉ. देवेन्द्र जोशी का बासठ वर्ष की आयु में असामयिक निधन ,नगर की साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत की अपूरणीय क्षति है। शहर की सांस्कृतिक विरासत को देश, विदेश में फैलाने वाले सच्चे सपूत थे देवेन्द्र जोशी जी। ओजस्वी कवि , प्रखर वक्ता , सम्पादक , शोधकर्ता के साथ साथ देवेन्द्र जी एक लोकप्रिय शिक्षक भी थे। वर्ष 2020 में एक वर्ष में देवेन्द्र जी की बारह पुस्तकों का प्रकाशन उनकी रचनात्मकता की मिसाल रही। सिंहस्थ पर उनकी पुस्तक एक धरोहर के रूप में जानी जायेगी। उनके अवसान के बाद उनका यही साहित्यिक कर्म उन्हें जनमानस में ज़िंदा रखेगा।

ये विचार चक्रतीर्थ पर आयोजित एक शोकसभा में विभिन्न वक्ताओं ने डॉ. देवेन्द्र जोशी को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए व्यक्त किये। शोकसभा की अध्यक्षता प्रो. हरिमोहन बुधौलिया ने की, साहित्यकार डॉ. देवेन्द्र जोशी को श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में विक्रम विश्विद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. बालकृष्ण शर्मा, डॉ. केदारनारायण जोशी, डॉ. पिलकेंद्र अरोरा, शरद शर्मा, डॉ. हरीशकुमार सिंह, विपुल जोशी, अनूप बोरलिया, अनिल जोशी, गिरीश चौबे, विजय पाठक , गजेन्द्र जोशी, प्रकाश कड़ोतिया, संतोष सुपेकर, संदीप सृजन, डॉ. राजेश रावल, अशोककुमार रक्ताले अदि सम्मिलित रहे। पार्थिव यात्रा में बड़ी संख्या में नगर के साहित्यकार और समाजजन सम्मिलित रहे। अंत में दो मिनट का मौन रखकर डॉ. जोशी को श्रद्धाजंली प्रदान की गई ।

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