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पाँच रचनाकारों को धींग पुरस्कार एवं दो विद्यार्थियों को जैन दिवाकर रजत पदक


उदयपुर। राजस्थान साहित्य अकादमी एवं युगधारा के संयुक्त तत्वावधान में 22 अक्टूबर को उदयपुर में दो वर्ष का धींग पुरस्कार समारोह हुआ। इसमें जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ मानित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कर्नल शिवसिंह सारंगदेवोत एवं राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. देव कोठारी का सारस्वत सान्निध्य प्राप्त हुआ। युगधारा अध्यक्ष किरणबाला ‘किरण’ ने अध्यक्षता करते हुए सबका स्वागत किया। अकादमी सचिव डॉ बसंतसिंह सोलंकी का विशिष्ट आतिथ्य रहा।

कन्हैयालाल धींग राजस्थानी पुरस्कार तरुण दाधीच एवं श्रेणीदान चारण व उनकी पत्नी विजयलक्ष्मी देथा को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया। नवलेखन हेतु उमरावदेवी धींग साहित्योदय पुरस्कार अलंकार आच्छा (चेन्नई) एवं डॉ. रेखा खराड़ी (डूंगरपुर) को प्रदान किया गया। नंदू राजस्थानी को भवदत्त महता पुरस्कार दिया गया। सभी साहित्यकारों को स्मृति चिह्न, प्रशस्ति पत्र, शॉल, मुक्ताहार, मेवाड़ी पाग, जपमाला, कलम, 5100 रुपये की सम्मान राशि और डॉ. दिलीप धींग का साहित्य प्रदान कर सम्मानित किया गया। समारोह में मूमल चौहान और वत्सल जारोली को उनकी शानदार शैक्षणिक उपलब्धि के लिए श्राविकारत्न उमरावदेवी धींग की स्मृति में जैन दिवाकर रजत पदक से सम्मानित किया गया।

प्रणत धींग ने डॉ. दिलीप धींग की माता-पिता विषयक कविता की भावपूर्ण प्रस्तुति दी। युगधारा द्वारा प्रणत का अभिनंदन किया गया। मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने प्रणत की प्रभावी काव्य-प्रस्तुति की प्रशंसा की। उन्होंने डॉ. दिलीप धींग के उल्लेखनीय साहित्यिक योगदान पर प्रमोद व्यक्त किया। पुरस्कार उन्होंने कहा कि पुरस्कार से सृजनकर्ता में उत्साह एवं प्रेरणा का संचार होता है। इतिहासकार डॉ. देव कोठारी ने कहा कि डॉ. दिलीप धींग अपनी विद्वत्ता से सर्वत्र राजस्थान का मान बढ़ा रहे हैं। उन्होंने साहित्यकारों को स्थाई महत्व के सृजन हेतु प्रेरित किया।

इस अवसर पर युगधारा संस्थापक डॉ. ज्योतिपुंज, महासचिव डॉ सिम्मी सिंह, उपाध्यक्ष प्रकाश तातेड़, पुष्कर गुप्तेश्वर, मनमोहन मधुकर, हिम्मतसिंह उज्ज्वल, पं. नरोत्तम व्यास, डॉ. सुरेश सालवी, डॉ. आशीष सिसोदिया, सुनिता सिंह, डॉ. शकुंतला सोनी, डॉ. सुरेन्द्रसिंह पोखरणा, हबीब अनुरागी, सरवत खान, शिवरतन, सीता शर्मा, स्वाति शकुन, सूर्यप्रकाश सुहालका, इकबाल सागर, करुणा दशोरा सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार एवं साहित्यप्रेमी उपस्थित थे।

आरंभ में अध्यक्ष किरणबाला, सचिव दीपा पंत ‘शीतल’, पूर्व अध्यक्ष अशोक जैन मंथन आदि ने युगधारा संस्था गीत गाकर सभा को मंत्रमुग्ध कर दिया। रोड़ीलाल धींग, आशा दाणी, सुरेशचंद्र धींग, डॉ. मदन कोठारी, हंसा जारोली, सीमा धींग, पंचम मेहता, अनिल धींग, अनिल महता, एडवोकेट अतुल शाह धींग आदि ने अतिथियों का सत्कार किया। अशोक जैन मंथन ने संचालन किया। उपाध्यक्ष डॉ. निर्मल गर्ग ने धन्यवाद दिया।

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