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साहित्य जिन वाणी का आधार- साध्वी मयणा श्रीजी


पालीताना (गुजरात) श्रावक आरोग्यम प्रणेता पू. साध्वी मयणा श्री जी म.सा से अंतरराष्ट्रीय जैन साहित्य संगम के राष्ट्रीय महामंत्री मनोज जैन मनोकामना ने भेंटकर आशीर्वाद प्राप्त किया और अंतरराष्ट्रीय जैन साहित्य संगम के द्वारा सकल जैन समाज के कवि साहित्यकारों और चिंतकों को एक मंच पर एकत्रित कर उन में छुपी प्रतिभाओं का समाज से रूबरू कराने का जो बीड़ा उठाया है इस संबंध में साध्वी जी म.सा. को जानकारी प्रदान की।

उन्होंने साध्वी जी को बताया कि अंतरराष्ट्रीय जैन साहित्य संगम द्वारा विशेष रुप से जैन समाज कि महिलाओं को साहित्य और कला क्षेत्र में मिली व्यक्तिगत उपलब्धियों को समाज के बीच में लाकर महिलाओं को प्रेरणा एवं सम्मान देने का प्रयास किया है।

विगत दिनों मुंबई के लोढ़ा धाम में आयोजित अंतरराष्ट्रीय जैन साहित्य संगम के प्रथम अधिवेशन की संपूर्ण जानकारी विभिन्न समाचार पत्रों में छपे समाचारों की छाया प्रति साध्वी जी म. सा. को भेंट के की साथ ही जैन साहित्य संगम के उद्देश्य से रूबरू कराने हेतु जैन साहित्य संगम का फोल्डर भी भेंट किया।

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साध्वी जी म.सा. ने जैन साहित्य संगम की अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती मंजू मंगलप्रभात लोढ़ा के बारे में कहा कि श्राविका मंजू बहन बहुमुखी प्रतिभा की धनी है, उन्होंने समाज सेवा के बहुत सारे कार्य किए हैं ,मेरे मुंबई प्रवास के दौरान उनसे भी अनेक बार भेंट हुई है।

साध्वी जी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय जैन साहित्य संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदीप जैन हर्षदर्शी के नेतृत्व में आपकी संस्था और अधिक सफलताओं की ओर अग्रेषित हो मेरी यही शुभकामना है। साहित्य ही जिनवाणी का आधार है, आप हमेशा सकल जैन समाज के लिए उत्कृष्ट साहित्य का निर्माण करे, आपकी संस्था केॉ सम्मानित सदस्यों द्वारा लिखे हुए साहित्य भविष्य में जिन शासन व्यवस्था में अपना उल्लेखनीय योगदान देंगे ऐसी मेरी मनोभावना है,आप सभी को मेरा शुभ आशीर्वाद हैं।

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