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तुलसी जयंती पर हुआ श्रीराम विशेषांक का लोकार्पण और सम्मान समारोह

संस्कृति संवाद पत्रिका के श्रीराम विशेषांक का लोकार्पण
डॉ. दशरथ मसानिया तुलसी मानस सम्मान से सम्मानित

उज्जैन। गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती के अवसर पर विचार क्रांति साहित्य मंच के तत्वावधान में तुलसी मानस सम्मान समारोह एवं संस्कृति संवाद पत्रिका के श्रीराम विशेषांक का लोकार्पण किया गया।

राम जनार्दन मंदिर के महंत श्री श्यामदास जी महाराज के सानिध्य में आयोजित इस समारोह की अध्यक्षता प्रसिद्ध चित्रकार एवं कवि डॉ श्रीकृष्ण जोशी ने की । मुख्य अतिथि आचार्य डॉ सदानंद जी त्रिपाठी दयालु और विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध कवि एवं ग़ज़लकार कमलेश व्यास कमल रहे।

रुपांतरण संस्थान पर आयोजित समारोह का शुभारंभ सरस्वती, संत तुलसीदास एवं मालवी कवि शिव राठौर शिव के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। सरस्वती वंदना आशीष श्रीवास्तव अश्क ने की। पश्चात इशिका पांचाल द्वारा श्रीराम वंदना पर केंद्रित भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत किया गया।


अतिथि परिचय संस्था सचिव अनिल पांचाल सेवक ने दिया। अतिथि सम्मान के पश्चात वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. दशरथ मसानिया (आगर मालवा) को शाल, श्रीफल अभिनन्दन पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर तुलसी मानस सम्मान-2024 से सम्मानित किया गया। सम्मान पत्र का वाचन वरिष्ठ आशुकवि नरेंद्रसिंह अकेला ने किया। साथ ही डॉ. राजेश रावल सुशील द्वारा संपादित लोकभाषा की राष्ट्रीय त्रैमासिक पत्रिका संस्कृति संवाद के श्रीराम विशेषांक का विमोचन किया गया ।

आयोजन में लोकभाषा के वरिष्ठ कवि स्वर्गीय शिव राठौर शिव को समर्पित श्रीराम काव्य गोष्ठी भी रखी गई। जिसमें सर्वश्री अशोक भाटी, रवि नगाइच, संदीप सृजन, मिथिलेश त्रिवेदी, अशोक शर्मा, श्रीमती माया बदेका, समर्थ भावसार, हरदीप दायले, खूबचंद कल्मोदिया, प्रकाश, कोमल, रचनानंदिनी सक्सेना, शारदाश्री, सुनीता राठौर, दीपक स्वामी, सुखरामसिंह तोमर, प्रशांत रूद्र, लोकेश डाबी, के पी एस चौहान, रमेशचंद्र चांगेसिया एवं महेश सोनी ने श्रीराम पर केन्द्रीत अपनी रचनाओं का पाठ किया। इस सत्र में संस्था द्वारा अतिथियों के माध्यम से युवा कलमकार नन्द किशोर पांचाल को "गंभीर" उपनाम प्रदान कर अंगवस्त्र, के साथ उपनाम पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।

आयोजन का संचालन अनिल पांचाल सेवक एवं डॉ राजेश रावल सुशील ने किया। आभार संस्था अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक गीतकार सुगनचंद जैन ने माना।

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