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उज्जैन के रचनाकारों की तीन साहित्यिक पुस्तकों का लोकार्पण


उज्जैन। साहित्यिक संस्था ग़ज़लांजलि के तत्वावधान में संस्था के रचनाकारों की तीन पुस्तकों का लोकार्पण होटल सुराणा पैलेस पर आयोजित विमोचन समारोह में हुआ। समारोह में डॉ. श्रीकृष्ण जोशी की पुस्तक ‘अनुभव की अभिव्यक्ति’, डॉ. रामप्रकाश तिवारी की पुस्तक ‘तरु तरु किसलय’ एवं अशोक रक्ताले की पुस्तक ‘घनाक्षरी दण्डक’ के लोकार्पण किया गया।

आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में वीणा के सम्पादक राकेश शर्मा उपस्थित रहे वहीं डॉ. शिव चौरसिया जी विशिष्ट-अतिथि थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृतविद एवं पूर्व कुलपति डॉ. बालकृष्ण शर्मा ने की।

अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन पश्चात आशीष अश्क द्वारा सरस्वती वंदना की गई। डॉ. अखिलेश चौरे ने अथितियों का परिचय दिया। संस्था सदस्यों द्वारा अतिथियों का माला एवं शाल से स्वागत किया गया। अशोक रक्ताले ने अपनी पुस्तक से रचना का पाठ किया एवं पुस्तक की विशेषताओं की जानकारी दी। डॉ. रामप्रकाश तिवारी द्वारा भी ‘तरु-तरु किसलय’ काव्य संग्रह से कविता का पाठ किया गया।

मुख्य अतिथि राकेश शर्मा द्वारा तरु तरु किसलय की संक्षिप्त जानकारी के साथ ही अपने उद्बोधन में हिन्दी दिवस के लिए निर्धारित की गयी तिथि 14 सितम्बर के औचित्य पर प्रश्न उठाया. डॉ. शिव चौरसिया ने अनुभव की अभिव्यक्ति पर चर्चा करते हुए पुस्तक में संग्रहित डॉ. श्रीकृष्ण जोशी के कई संस्मरणों की पुष्टि की। यह उन्होंने श्रीकृष्ण जोशी जी से बचपन की मित्रता होने के आधार पर कहा। अध्यक्षीय वक्तव्य में डॉ. बालकृष्ण शर्मा द्वारा कविता के संदर्भ में मूलभूत से लेकर कई सारगर्भित एवं महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं. संचालन डॉ. विजय सुखवानी ने किया। आभार विनोद काबरा ने व्यक्त किया।

कार्यक्रम में देश के ख्यात साहित्यकार एवं आलोचक डॉ. प्रमोद त्रिवेदी, प्रेरणा पुस्तकों के रचनाकार हीरालाल माहेश्वरी सहित डॉ प्रवीण जोशी, श्रीमती माया बधेका, डॉ. उर्मि शर्मा, संदीप कुलश्रेष्ठ, चन्दर सोनाने, डॉ सखा पाहवा, डॉ राजेश रावल, सुगनचंद जैन, संजय शर्मा, हेमन्त भोपाले, अनिल पांचाल एवं ग़ज़लांजलि संस्था के सभी सदस्य उपस्थित रहे।

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