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मध्यप्रदेश लेखक संघ का 45 वां आंचलिक साहित्यकार सम्मान समारोह आयोजित

स्मारिका अभिनवा सहित तीन पुस्तकें लोकार्पित
50 साहित्यकारों का हुआ सम्मान

गुना, मध्यप्रदेश लेखक संघ का 45वां आंचलिक साहित्यकार सम्मान समारोह गुना के निजी होटल में फिरोजाबाद के वरिष्ठ साहित्यकार डा राम सनेही लाल शर्मा यायावर के मुख्य आतिथ्य एवं मध्यप्रदेश लेखक संघ के प्रादेशिक अध्यक्ष डा राम वल्लभ आचार्य की अध्यक्षता तथा खंडवा के ललित निबंधकार डा श्रीराम परिहार के सारस्वत आतिथ्य में आयोजित किया जा रहा है। 

तदाशय की जानकारी गुना इकाई के अध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह सेंगर ने देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश लेखक संघ के प्रादेशिक उपाध्यक्ष ॠषि श्रृंगारी एवं प्रादेशिक मंत्री राजेन्द्र गट्टानी इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप मे मंचासीन रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मा सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। तत्पश्चात सरस्वती वंदना आमिनी जैन एवं श्रीमती सोनू जैन ने प्रस्तुत की। अतिथियों का परिचय डा सतीश चतुर्वेदी शाकुन्तल ने दिया। स्वागत भाषण गुना इकाई की सचिव डा शोभा सिंह ने दिया। 

कार्यक्रम के प्रथम सत्र में मध्यप्रदेश लेखक संघ इकाई गुना द्वारा प्रकाशित स्मारिका अभिनवा, अनिरुद्ध सिंह सेंगर द्वारा संपादित गुना सप्तक पंचम, डा शोभा सिंह की कृति 'संतवाणी में अर्थ धारणा' तथा डा शकुंतला प्रजापति द्वारा संपादित कृति नवगीत के सृजन सारथी का लोकार्पण मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया। 

मध्यप्रदेश लेखक संघ की प्रांतीय निकाय द्वारा स्थानीय तीन रचनाकारों सर्वश्री शंकर राव मोरे, डा स्वर्ण सिंह रघुवंशी, देवेन्द्र सलिल को आंचलिक साहित्यकार सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डा श्रीराम परिहार ने अपने उदबोधन में कहा कि संत साहित्य की अपनी महत्ता रही है भक्ति युग में इन संतों के कारण ही हमारा अस्तित्व जिंदा रहा। 

मध्यप्रदेश लेखक संघ के प्रादेशिक अध्यक्ष डा राम वल्लभ आचार्य ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आंचलिक साहित्यकार सम्मान समारोह का मुख्य उद्देश्य अंचल के रचनाकारों को प्रोत्साहित करना है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि फिरोजाबाद से पधारे साहित्यकार डा राम सनेही लाल शर्मा यायावर ने अपने उदबोधन में गीत से नवगीत की यात्रा पर प्रकाश डाला।इस अवसर पर विभिन्न इकाइयों से पधारे लगभग 50 रचनाकारों को स्मृतिशेष श्रीमती संतोष अरोरा सारस्वत सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप शाल, स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र भेंट किया गया। 

स्मृतिशेष श्रीमती संतोष अरोरा सारस्वत सम्मान-24 से सम्मानित होने वाले रचनाकार -
डा के पी अरोरा ,डा सतीश चतुर्वेदी 'शाकुन्तल', श्री वीरेंद्र 'मुक्त', श्री प्रभाकर भारद्वाज ,डा अशोक गोयल ,श्री मधुर कुलश्रेष्ठ ,श्रीमती नीलम कुलश्रेष्ठ ,श्री महेश जैन ,डा शकुंतला प्रजापति ,श्री हरीश सोनी, श्री सुनील शर्मा 'चीनी', श्रीमती मधुबाला सक्सेना, श्री रनीश जैन ,डा उषा जैन, श्रीमती कल्पना शर्मा ,डा सोनू जैन ,श्री गोपाल कृष्ण 'विरल',श्री अब्दुल सलाम कुरेशी ,श्री मोहन सिंह जाटव ,डा प्रीती सक्सेना ,डा भावना पाराशर, सुश्री फरीदा बानो ,श्री हिम्मत सिंह रघुवंशी , श्री आशीष सक्सेना , श्री प्रदीप राजावत ,पं.महेश बोहरे, श्री कृष्ण गोपाल वशिष्ठ , डा जवाहर लाल द्विवेदी, श्री प्रमोद सोनी, श्री गोविंद नारायण शर्मा ,श्री गोविंद मीना,श्री हनुमंत धाकड़, डा मुकेश अनुरागी, डा योग्यता भार्गव ,डा रामदास शर्मा,श्री राजेन्द्र गट्टानी ,श्री ॠषि श्रृंगारी,सुश्री पूजा कृष्णा।

कार्यक्रम का संचालन गुना इकाई अध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह सेंगर ने एवं आभार सहसचिव श्रीमती नीलम कुलश्रेष्ठ ने प्रकट किया। इस अवसर पर काफी संख्या में साहित्यकार, साहित्य प्रेमी एवं नगर के वरिष्ठजन उपस्थित रहे जिनमें सर्वश्री राजाराम शिंदे, घनश्याम श्रीवास्तव, कमलेश श्रीवास्तव, हरिओम श्रीवास्तव, जैनेन्द्र जैन, शैलेंद्र शर्मा, डा बी डी शर्मा, हरीश सोनी, राघौगढ़ से डा जवाहर लाल द्विवेदी, महेश बोहरे, कृष्ण गोपाल वशिष्ठ, प्रमोद सोनी, गोविंद नारायण शर्मा, के एन शर्मा, बमोरी से गोविंद मीना, हनुमंत धाकड़, अशोकनगर से डा योग्यता भार्गव, शिवपुरी से डा मुकेश अनुरागी, अब्दुल सलाम कुरेशी, महेश जैन, मधुर कुलश्रेष्ठ, नीलम कुलश्रेष्ठ, वीरेंद्र सोनी, सुनील शर्मा चीनी, डा अशोक गोयल, डा रामदास शर्मा चंदेरी, डा सतीश चतुर्वेदी शाकुन्तल, फरीदा बानो, मधुबाला सक्सेना, दिलीप सक्सेना, डा सोनू जैन, रनीश जैन, डा शकुंतला प्रजापति, प्रभाकर भारद्वाज, कल्पना शर्मा, केशव नारायण शर्मा, डा उषा जैन, गोपाल कृष्ण विरल, डा प्रीति सक्सेना, शरद सक्सेना, डा भावना पाराशर, विकास सिंह जाट, आशीष सक्सेना, हिम्मत सिंह रघुवंशी, गोपीलाल साहू, कैलाश नारायण बंसल, डा के पी अरोरा आदि प्रमुख हैं।

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