राम राज का आगमन (दोहे) -संदीप सृजन
राम राज की कल्पना, फिर होगी साकार।
हर्षित है जन-जन यहॉ, उल्लासित संसार।।
राम विराजे धाम में, उत्सव है चहुओर।
भारत मॉ के भाल पर, उदित हुआ नव भोर।।
पौष शुक्ल की द्वादशी, चन्द्रवार शुभयोग।
मेष लग्न में देव गुरु, करे नवल उद्योत।।
वृषभ राशि में चन्द्रमा, सूर्य मकर संचार।
अवध विराजे अवधपति,रामलला सरकार।।
बैठे शुभ संयोग में , रघुनाथ राघवेन्द्र।
नाथ आदित्य साथ है,अर्चन करे नरेन्द्र।।
सदियों के वनवास का, आज हुआ है अंत।
हर आंगन दीपक सजे, जगमग हुआ अनंत।।
राम राज का आगमन, मिटे सभी दुख,शोक।
न्याय नीति से पूर्ण हो, पूरा धरती लोक।।
-संदीप सृजन, उज्जैन
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