मैसूर। संस्था साहित्य मधुशाला ने स्थापना के तीन वर्ष पूरे होने पर शनिवार, 23 दिसम्बर 2023 को ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन रखा जिसमें देश विदेश के रचनाकारों ने अपनी रचना से मंच को गूँजा दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान के अलवर जिले से जुड़े मुख्य अतिथि कवि धर्मपाल ‘धर्म’ ने की।कोलकाता से जुड़ी सम्मानित अतिथि विशेष कवयित्री हिम्मत चोरडिया ने दीप प्रज्वलन व सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। संस्थापक अध्यक्ष उषा जैन केडिया ने पूरे वर्ष की साहित्यिक गीतिविधियों का लेखा जोखा पटल पर प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का सुंदर संचालन भी उषा जैन केडिया ने अपने चिर-परिचित अन्दाज़ में चार पंक्तियों के माध्यम से सबको बारी बारी से रचना प्रस्तुत करने हेतु आमंत्रित करके किया। कोलकाता से जुड़ी कवयित्री संगीता चौधरी ने अनपढ़ माँ की प्रतीकात्मक चिट्ठी ‘जब हम शहर में पढ़ते थे’ रचना के माध्यम से कार्यक्रम का भावनात्मक आग़ाज़ किया। सरिया की कवयित्री डिम्पल ने अपनी रचना 'मैं तुम्हें अच्छी लगने लगी हूँ ' रचना द्वारा दाम्पत्य प्रेम को अभिव्यक्त किया। काठमाण्डू नेपाल के वरिष्ठ कवि जयप्रकाश अग्रवाल ने स्व अनुवादित भागवत गीता के श्लोकों को पढ़ गीता जी महिमा का गुणगान किया। बैंगलौर के युवा कवि ब्रजेंद्र मिश्र ने समय की महत्ता पर अपनी रचना प्रस्तुत की। बैंगलोर के जाने माने सुकवि जैन राजेंद्र गुलेच्छा राज ने बुजुर्गों के दर्द को ‘भरे पूरे घर में वो रहते क्यूँ अकेले हैं’ रचना के माध्यम से उजागर किया। बाँसुरी वादक बैंगलौर के कवि दिलीप ने ‘बीत गये जो पल’ रचना प्रस्तुति के अलावा सुंदर बाँसुरी वादन कर माहौल को सुरीला बना दिया। कानपुर की कवियित्री कृतिका अग्नोहत्री ने भारत देश को महान बनाने के लिये हमारा देश महान’ रचना का पाठ किया।असम से जुड़ी कवयित्री शमा जैन सिंघल ने ‘ स्नेह निमंत्रण भेज रही हूँ‘ कविता का सुंदर गायन किया। खरसिया की कवियित्री अनामिका ने ‘छपाक से वो मेरी पहचान’ की प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम की सम्मानित अतिथि हिम्मत चौरडिया ने ‘ शुभ काम करे इन हाथो से ’ रचना की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि धर्मपाल धर्म ने ’ रात अंधेरे में’ रचना को पढ़ माहोल को हास्यनुमा बना दिया। संस्था कि अध्यक्ष एवं संचालिका उषा केडिया ने गीता जयंती पर 'आओ सुनाये तुम्हें' रचना द्वारा भागवत गीता का सार समझाया।अंत में झुमरीतिलैया के कवि संजय जैन ने 'सपने जगाये उमंगें जगाये' रचना की प्रस्तुति दी। उसके बाद प्रस्तुतियों पर कार्यक्रम के अध्यक्ष कवि धर्मपाल धर्म ने सभी रचनाओं की बहुत ही सुंदर समीक्षाएं की। अंत में संगीता चौधरी कोलकाता द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात गोष्ठी का विधिवत समापन हुआ।
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