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देश का भविष्य कक्षाओं में गढ़ा जाता है- डॉ विकास दवे

अखिल भारतीय सद्भावना व्याख्यानमाला का शुभारंभ 

उज्जैन। सिर्फ सूचनाओं को प्रदान करना और इकाइयों को पूर्ण करना ही शिक्षा का उद्देश्य नहीं है, बल्कि शिक्षा के माध्यम से जीवन मूल्यों का प्रसार ही शिक्षा के उद्देश्य को पूर्ण करता है। नैतिक शिक्षा के बिना हम इंजीनियर,डॉक्टर या उद्योगपति तो बना सकते हैं किंतु राष्ट्र के निर्माता नहीं बना सकते। जब शिक्षक एक कक्षा कक्ष में पढ़ाते हैं तो मानकर चलिए वह देश के भविष्य को संवार रहे हैं। प्रत्येक कक्षा कक्ष में देश का भविष्य ही गढ़ा जाता है। ज्ञान और सूचनाओं का अंतर समझने की आवश्यकता है। आज का विद्यार्थी गिनीज बुक के सभी कीर्तिमान मौखिक याद रखता है किंतु छोटी सी चोट लगने पर घाव में क्या लगाना है इसका ज्ञान उससे अधिक उसकी दादी मां को होता है, क्योंकि दादी मां ने भले ही सूचनाओं को प्राप्त नहीं किया बल्कि उन्होंने अनुभव से ज्ञान प्राप्त किया। उक्त विचार मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने भारतीय ज्ञानपीठ में आयोजित कर्मयोगी स्व. कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ की प्रेरणा और पद्मभूषण डॉ. शिवमंगल सिंह 'सुमन' की स्मृति में आयोजित 21वीं अखिल भारतीय सद्भावना व्याख्यानमाला के शुभारंभ प्रसंग पर प्रमुख वक्ता के रूप में व्यक्त किये।

डॉ. विकास दवे ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था पर चिंतन प्रत्येक व्यक्ति को करना चाहिए। शिक्षा पद्धति राष्ट्र के लिए नई पौध तैयार करती है। शिशु-शिक्षा पर सर्वाधिक चिंतन की आवश्यकता है, जो किंडर गार्डन और मोंटेसरी पर आधारित है। ये दोनों ही कोई शिक्षाविद नहीं थी, बल्कि वे अल्प विकसित बच्चों पर कार्य करने वाली नर्सेस थी । हम उन पर आधारित शिक्षा पद्धति को भारत के प्रत्येक बच्चे के विकास की दिशा में कैसे उचित मान सकते हैं ? हमें शिक्षा पद्धति को आनंदमूलक बनाना चाहिए। हमारी प्राचीन शिक्षा व्यवस्था का मूलभूत गुण यह था कि गुरु उपदेश देते थे और विद्यार्थी प्रश्न करते थे। आज सब कुछ विपरीत हो गया है। आजपरम विद्वान माने जाने वाले पीएचडी प्राप्त शिक्षक जब कक्षा में प्रवेश करते हैं तो वह स्वयं को प्रश्न करने का अधिकारी समझ लेते हैं और उत्तर विद्यार्थियों से पूछा जाता है। उत्तर न मिलने पर विद्यार्थियों को सजा का पात्र भी बनाया जाता है। यह व्यवस्था ठीक नहीं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से बहुत उम्मीद है। इसे धरातल पर लाने के प्रयास करना चाहिए।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि लॉर्ड मैकाले की शिक्षा व्यवस्था युवाओं को चिंतन से दूर करती है। यह व्यवस्था पाश्चात्य की उपभोगवादी व्यवस्था की भावना पर बल देती है। इस व्यवस्था में राष्ट्र के सच्चे निर्माता नहीं निकल सकते। संयुक्त परिवार मूल्य आधारित शिक्षा की चलती-फिरती लाइब्रेरी हुआ करते थे, किंतु दुर्भाग्य से यह व्यवस्था भी टूटती जा रही है। ऐसे में शिक्षा पद्धति का मूल्य आधारित होना बहुत आवश्यक है। शिक्षा से विद्यार्थियों को यह सिखाया जाए कि प्रकृति और संस्कृति का संतुलन कैसे बनाया जाता है ? पृथ्वी का अस्तित्व बचाने के लिए यह संतुलन बहुत आवश्यक है। भारत में पहले ऐसे गुरुकुल हुआ करते थे जो जीवन मूल्यों के साथ कई विविध विधाओं की शिक्षा दिया करते थे, किंतु आक्रमणकारियों ने इस व्यवस्था में परिवर्तन कर हमारी नैतिक क्षमता को हानि पहुंचाई। शिक्षा से किसी भी देश की संस्कृति का संवर्धन होता है किंतु अंग्रेजों ने हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था पर सबसे बड़ा कुठाराघात किया। आवश्यकता है कि हम फिर से नवीन शिक्षा पद्धति से अपने सपने का भारत बनाने का प्रयास करें।

व्याख्यानमाला के आरंभ में संस्थान की शिक्षिकाओं द्वारा सद्भावना गीतों की प्रस्तुति दी गई। वरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री प्रेम नारायण नागर, पूर्व संयुक्त संचालक शिक्षा श्री बृजकिशोर शर्मा, संस्थान प्रमुख श्री युधिष्ठिर कुलश्रेष्ठ एवं श्री संदीप कुलश्रेष्ठ सहित संस्थान के पदाधिकारियों द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, कविकुलगुरु डॉ शिवमंगल सिंह सुमन और कर्मयोगी स्व. श्री कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ के प्रति सूतांजलि अर्पित कर दीप प्रज्वलित किया गया। भारतीय ज्ञानपीठ के सद्भावना सभागृह में डिजिटल व्याख्यानमाला को सुनने के लिए डॉ. शैलेन्द्र पाराशर, आचार्य श्री राम दवे, लोकमान्य तिलक न्यास के कार्यपालन अधिकारी श्री गिरीश भालेराव, श्री खुशाल सिंह वाधवा, श्री सत्यनारायण सोनक, प्रसिद्व कबीर गायक श्री सुन्दरलाल मालवीय, श्री निर्मल भटनागर, श्रीमती तृप्ती भटनागर, श्री महावीर जैन, डॉ. रामसेवक सोनी सहित विभिन्न पत्रकारगण, शिक्षकजन एवं बौद्विकजन उपस्थित थे। संचालन डॉ गिरीश पंडया ने किया । अखिल भारतीय सद्भावना व्याख्यानमाला का प्रसारण उज्जैन के पहले कम्युनिटी रेडियो, रेडियो दस्तक 90.8 FM पर शाम 5 से 6 बजे किया जा रहा है।

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