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जैन कवि संगम के ‘ज्योति-कलश’ से छलका कविताओं का उजाला


चेन्नई। जैन कवि संगम, तमिलनाडु की ओर से राजस्थान पत्रिका की मीडिया भागीदारी में दीपोत्सव को समर्पित कवि गोष्ठी ‘ज्योति कलश’ का आयोजन 19 नवंबर, रविवार को कोला सरस्वती स्कूल सभागार में हुआ।

चार्टर्ड एकाउंटेंट संस्थान की केन्द्रीय परिषद के सदस्य सीए राजेन्द्र कुमार पी. ने बतौर मुख्य अतिथि एक साथ हिंदी व तमिल की काव्य पंक्तियां सुनाकर भाषाई सौहार्द का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को प्रोफेशन के अलावा साहित्य और संस्कृति में रुचि रखनी चाहिये। विशिष्ट अतिथि के रूप में राजस्थान पत्रिका, चेन्नई के संपादक डॉ. पी.एस. विजय राघवन ने कहा कि दक्षिण भारत में राजस्थान पत्रिका सांस्कृतिक सेतु की भूमिका निभा रहा है। ऐसे प्रेरणादायक आयोजनों में पत्रिका हमेशा सबके साथ है। उन्होंने कहा कि योग्यता के साथ विश्वास और आत्मविश्वास जरूरी है। संगम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेन्द्र गुलेच्छा और निर्मल कोठारी (बेंगलुरु) भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अध्यक्ष सीए गौतमचंद बोहरा आदि पदाधिकारियों ने अतिथियों का मुक्ताहार, शॉल व साहित्य से सम्मान किया।

सर्वप्रथम अध्यक्ष सीए गौतमचंद बोहरा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि सहयोग की भावना से आगे बढ़ने वाले एक और एक दो नहीं ग्यारह हो जाते हैं। बाती से बाती दीप जलाने का यही संदेश है। उन्होंने ‘दीप निष्ठा के जला दो, फिर दीवाली आई है’ कविता सुनाई। डॉ. दिलीप धींग ने प्रेरणा दी कि भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण कल्याणक वर्ष के उपलक्ष्य में कवि संगम तमिलनाडु के हिंदी रचनाकारों की भगवान महावीर विषय पर कविताओं का एक संकलन प्रकाशित करे। अध्यक्ष एम.जी. बोहरा ने इस योजना को तुरंत स्वीकृति प्रदान कर दी। विशिष्ट अतिथि गुलेच्छा ने अध्यक्ष की त्वरित निर्णय क्षमता की सराहना की।

कविता लेखन स्पर्धा के विजेता पुरस्कृत
इस अवसर पर भारत के चन्द्रयान अभियान-3 की सफलता पर जैन कवि संगम की ओर से चन्द्रयान अथवा चन्द्रमा विषय पर आयोजित कविता लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया। यह प्रतियोगिता दो वर्गों में आयोजित की गई थी। 13 से 18 वर्ष के आयु वर्ग में ध्रुव ठाकुर ने प्रथम, रुहिन भंडारी ने द्वितीय और गति मरडिया ने तृतीय स्थान पाया। 18 और उससे ऊपर के आयु वर्ग में प्रणत धींग प्रथम, तितिक्षा अग्रवाल द्वितीय और मुत्तुकुमार स्वामी तृतीय स्थान पर रहे। केवल कोठारी, शोभा चोरड़िया और गोविंद मूंदड़ा ने परीक्षक की भूमिका निभाई। अतिथियों एवं संगम के पदाधिकारियों ने सभी विजेताओं को स्मृति चिह्न, प्रशंसा-पत्र, रजत-उपहार और साहित्य देकर पुरस्कृत किया। विजेताओं ने अपनी काव्य प्रस्तुतियों से सबका मन मोहा। प्रणत ने प्रभावी प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरीं। तमिलभाषी मुत्तुकुमार स्वामी ने उनकी हिंदी सेवा में सहयोग के लिए आचार्य महाश्रमण तेरापंथ विद्यालय की सराहना की।

ज्योतिकलश कवि गोष्ठी में ज्योति मेहता ने ‘मावस को पूनम करे ऐसी दीवाली मनाएं’ कविता सुनाई। कपूर सेठिया ने 21 प्रकार के काव्य दीप जलाए। रमेश बोहरा ने पुरुषार्थ के दीप जलाने की प्रेरणा दी। अनिल मोदी, केवल कोठारी, शोभा चोरड़िया, पारसमल मेहता, राजेन्द्र मेहता आदि कवियों ने विषय के अनुरूप संदेशपरक रचनाएँ सुनाकर ज्योतिर्मय काव्य-नीर छलकाया। उपाध्यक्ष केवल कोठारी द्वारा ‘मां शारदे पधारो’ मंगलाचरण से शुरू हुए कार्यक्रम का कुशल संचालन सहसचिव राजेश सुराणा ने किया। उनके साथ अध्यक्ष बोहरा ने संचालन को सरस व विनोदपूर्ण बना दिया।

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