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जिंदगी (कविता)



खुशी और गम से
भरी है जिंदगी
यही है जिंदगी
कभी आसमां पर
कभी जमीं पर
झंझटों जंजालों से
भरी है जिंदगी


कभी सुख में सगुन भरी
कभी दुख की बेड़ियों
में लिपटी, और कभी
जीवन के
मकडजाल में
दुःखो के जंजीर में उलझी
जिंदगी की है
अविराम कड़ी

खट्टे मीठे अनुभवों में
सुख दुख के
गहरे गांठ सी बंधी
यही है जिंदगी
कभी खुशबू खुशी की
कभी खुशबू दुख की
अहसास करती
जीवनभर जिंदगी


जीवन जगत की सैर में
खुशी गम की जिंदगी
कभी गम के आंसू पीए
कभी जीवनभर
आंसू छलकाए
यही पार करती जिंदगी

किस्मत कहता तो
बदकिस्मत है कहता
बस चले जा रही है जिंदगी
भूख से बिलखती
कितनो की जिंदगी
सड़क पर हाथ पसारे
आश्रित कितनी जिंदगी
दया की अर्जी में
तमासा बनी है जिंदगी


मानवता की धार में
मददगार की राह में
कटती है जिंदगी
जन्म चक्र से यूंही पहिया
सरलता कठिनाइयों में
घुमाती है हरपल सुखदुख भरी
झंझटों की यह जिंदगी

-ललित शर्मा,डिब्रुगढ़ असम

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