म.प्र. साहित्य अकादमी भोपाल द्वारा नारदमुनि पुरस्कार से अलंकृत

कर संघर्ष


कर संघर्ष और आगे बढ़ता चल ।
जीवन में पुरुषार्थ को तू करता चल ।।

हर राह पर रख तू अपनी नजर।
एक दिन मिलेगी मंजिल तुझे तू संघर्ष कर ।।

चिड़िया तिनका- तिनका इकट्ठा कर घोंसला बनाती है ।
मधुमक्खी भी संघर्ष से ही मधु इकट्ठा कर पाती है ।।

संघर्ष व्यक्ति को बनाता है शक्तिशाली विद्वान।
संघर्ष से ही हो सकता है नवनिर्माण ।।

संघर्षशील व्यक्ति कभी घबराए नहीं करते ।
जीवन के खेल में कभी हारा नहीं करते ।।

संघर्ष प्रतिकूलता को अनुकूलता में बदल देता है ।
संघर्ष तो व्यक्ति की तकदीर बदल देता है ।।

-डॉ. खुशबू बाफना, उज्जैन (म.प्र.)

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