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श्रुतसेवा अलंकरण के लिए डॉ. दिलीप धींग का चयन


चेन्नई। शसुन जैन महाविद्यालय में जैनविद्या विभाग के शोध-प्रमुख साहित्यकार डॉ. दिलीप धींग का ‘शांतिदेवी गुप्त श्रुतसेवा अलंकरण सम्मान’ के लिए चयन किया गया है। उन्हें यह राष्ट्रीय सम्मान श्रुतसेवा निधि न्यास, फिरोजाबाद (उ.प्र.) द्वारा 4 फरवरी 2024 को होने वाले न्यास के वार्षिक समारोह ‘अक्षराभिषेक उत्सव’ में प्रदान किया जाएगा। न्यास के महामंत्री अमित कुमार जैन ‘राजा’ ने बताया कि डॉ. धींग को शाल, माला, प्रतीक, प्रशस्ति-पत्र, साहित्य और 25 हजार के मानधन के साथ सम्मानित किया जाएगा।

‘जैन संदेश’ (पाक्षिक) के संपादक अनूपचंद जैन (एडवोकेट) ने बताया कि डॉ. धींग को यह सम्मान जैनविद्या, प्राच्यविद्या व अहिंसा के क्षेत्र में उनके सतत, सुदीर्घ व उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया जाएगा। अध्यक्ष मुकेश कुमार जैन ने बताया कि न्यास की स्थापना 2006 में प्रसिद्ध विद्वान प्राचार्य नरेंद्रप्रकाश जैन ने की थी।

अंतरराष्ट्रीय प्राकृत अध्ययन व शोध केन्द्र में नौ वर्ष तक निदेशक एवं तमिलनाडु हिंदी अकादमी में पाँच वर्ष तक महासचिव के रूप में स्मरणीय सेवाएँ देने वाले डॉ. धींग अनेक साहित्यिक शैक्षणिक संस्थानों और अकादमिक गतिविधियों से जुड़े हैं। उन्हें अब तक आचार्य हस्ती स्मृति सम्मान, आचार्य हस्ती अहिंसा अवार्ड, अणुव्रत लेखक पुरस्कार, कुंदकुंद ज्ञानपीठ पुरस्कार, जीतो सेवा अवार्ड, आचार्य नानेश स्मृति सम्मान, आचार्य हस्ती करुणा वक्ता अवार्ड, आचार्य हस्ती सेवा सम्मान, हिंदी भूषण, सेवारत्न, युगधारा सम्मान, पाँच बार जिनवाणी लेखक सम्मान सहित अनेक सम्मान मिले हैं।

प्राकृत में विश्वविद्यालय स्वर्णपदक प्राप्त डॉ. धींग द्वारा लिखित व संपादित छह दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। अणुव्रतसेवी कवयित्री डॉ. ललिता बी. जोगड़ ने डॉ. धींग पर 1311 पंक्तियों की लम्बी कविता लिखी थी, जिस पर डॉ. धींग का नाम विश्व कीर्तिमानों की स्वर्ण पुस्तक सहित पाँच पुस्तकों में दर्ज हुआ।

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