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भारतीय भाषाओं की आपसी एकता पर विमर्श आवश्यक – प्रो. बुधौलिया


उज्जैन। भारत बहुभाषी राष्ट्र है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारतीय भाषाओं और विशेषकर मातृभाषाओं को शिक्षण प्रशिक्षण का माध्यम बनाने पर जोर दिया गया है। देश के बहुभाषी होने के कारण हमें अपनी मातृभाषा के अलावा भगिनी भारतीय भाषाओं से भी परिचय आवश्यक है और इसलिए भारतीय भाषाओं की आपसी एकता पर विमर्श जरुरी है । ये विचार आचार्य प्रो. हरिमोहन बुधौलिया ने भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान , शिमला द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय संगोष्ठी में भारतीय 'भाषाओं के अंतर्संबंध' विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन में परिचर्चा में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में व्यक्त किये । भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान , शिमला के इस सम्मेलन में देश के कई विद्वानों ने शिरकत की और शहर से प्रो. बुधौलिया को इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सम्मेलन में सम्मिलित होने का आमन्त्रण मिला था ।

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