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आत्मशुद्धि का पर्व


दस दिन का उपवास
शक्ति दिलाता खास
ब्रतधारी शक्ति पाने का
समझता पक्का हिसाब

उत्तम क्षमा, मार्दव, आजर्व,
शौच, सत्य, संयम, तप,
त्याग,आकिंचन्य व ब्रह्मचर्य
दस धर्मो के ब्रत निभाता

बनता का पालनहार बनकर
भक्ति भावना में खो जाता
ब्रत में बंधकर सच्चा आनंद
तनमन में खुद पे खुद पाता

छोड़ता है सांसारिक सुख
मोहमाया को मन से हटाता
ब्रत से नई ऊर्जा तनमन में
दशलक्षण ब्रत से ही पाता

जीवन की अशान्ति को मिटाता
शांति की नई राह की खुशियां
सरलता, मधुरता, संयम, त्याग,
आध्यत्मिक भाव विचार लाता

-ललित शर्मा, डिब्रुगढ़ (असम)


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