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कविता
दूब के घास
दूब के घास
शब्द प्रवाह
सितंबर 25, 2023
हम उगेंगे दूब के
घास की तरह
खेत खलिहानों मे।
सुबह के ओस की बूंदों का
भार लिए
सर उठाकर झाकेंगे
आसमान में ।
और फिर,
सूरज की मदहोश किरणों में
खो जाएंगे
हमेशा के लिए॥
-योगेन्द्र पाण्डेय, सलेमपुर,देवरिया
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