![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjD4ZjccZFx_kky3zGhmkjFFY_WUuaRn34KPkFpDqGhQcHFGsC0ghKNZvlINKXDdX7ZUfRDdxCVN8FCjEfC_W3l1CSLDcZx16TYwDQ7WbcKSP0STDtSx8CZBXzOLB6RNEEZaWPcqwzNM1Q/s320/IMG20200517194141.jpg)
प्रीति शर्मा 'असीम'
कोई रंग भरने ,
जीवन में तेरे ,
बाहर से नहीं आएगा ।
तेरे जीवन में रंग ,
तो .........तेरे ही भरने से आएगा।
कोई रंग भरने ,
जीवन में तेरे ,
बाहर से नहीं आएगा ।
किस सोच में .......हो ।
कोई बांध के ,
रंगों को सारे,
इंद्रधनुष.....!
तेरे हाथ में थमा जाएगा।
जिंदगी को तेरी ,
रंगों से रंगीन ,
वह कर जाएगा ।
कोई रंग भरने ,
जीवन में तेरे ,
बाहर से नहीं आएगा ।
हकीकत के ,
उन बदरंग दागों से लड़।
तू अपनी......
हिम्मत से,
जिंदगी में रंग नये ...
जब तक ना भर पाएगा ।
दुनिया के ,
रंगों के इंतजार में ,
बंदरंग तू हो जाएगा ।
कोई रंग भरने,
जीवन में तेरे,
बंदरंग तू हो जाएगा ।
कोई रंग भरने,
जीवन में तेरे,
बाहर से नहीं आएगा ।
तेरे जीवन में असल रंग तो ,
तेरे भरने से ही आएगा ।
तेरे जीवन में असल रंग तो ,
तेरे भरने से ही आएगा ।
0 टिप्पणियाँ