नई दिल्ली। व्यंग्य पत्रिका 'व्यंग्य यात्रा' को महाराष्ट्र और गोवा के राज्यपाल द्वारा 'हिंदुस्तानी प्रचार सभा' के साहित्यिक पत्रकारिता पुरस्कार की 75 हज़ार राशि से पुरस्कृत किया।
संजीव निगम के कुशल संचालन में आयोजित इस गरिमापूर्ण आयोजन में हिंदुस्तानी प्रचार सभा के ट्रस्टी एवं मानद सचिव फिरोज़ पैच तथा ट्रस्टी एवं कोषाध्यक्ष अरविंद डेगवेकर की गरिमामय उपस्थिति रही। कार्यक्रम का आरम्भ दीप प्रज्वलन एवं शशि निगम की सरस्वती वंदना से हुआ। राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में व्यंग्य यात्रा में प्रकाशित रचना की चर्चा की।इस अवसर पर व्यंग्य यात्रा के हरीश पाठक,वागीश सारस्वत, चित्रा देसाई अनंत श्रीमाली, कमलेश पाठक, शशि निगम आदि अनेक शुभचिन्तक उपस्थित थे।
इस अवसर पर व्यंग्य यात्रा के संपादक प्रेम जन्मेजय ने कहा कि यह एक भिक्षुक का सम्मान है। 2004 में जब से यह पत्रिका आरम्भ हुई है तब से इसने भिक्षाम देहि की पुकार लगाई और कटोरा व्यंग्य शुभचिंतकों के सामने रख दिया। 17 वर्ष बाद भी कटोरा भरने वालों ने इसे खाली नहीं रहने दिया। इसे लबालब भरा रखा।
यह यह सम्मान मुख्यधारा में अछूत माने जाने वाली व्यंग्य विधा का सम्मान है। इस पुरस्कार के द्वारा व्यंग्य को साहित्य की पंगत में बैठाने के लिए हिंदुस्तानी प्रचार सभा का धन्यवाद। हिंदुस्तानी प्रचार सभा की स्थापना गांधी जी ने की थी। गांधी जी ने अछूतोद्धार किया था। आज व्यंग्य का अछूतोद्धार हो रहा है। मुख्यधारा की पत्रिकाओं, नया ज्ञानोदय और हंस के साथ व्यंग्य यात्रा भी पुरस्कृत हो रही है। हिंदुस्तानी प्रचार सभा, स्पंदन,पंडित बृजलाल द्विवेदी आदि साहित्यिक पत्रकारिता सम्मानों ने इसे मूल्यवान किया है।
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