अजय कुमार द्विवेदी 'अजय' |
मेरी बातों में वो है ख्यालों में वो।
उससे मिलकर के जीने की चाहत जगी।
है जवाबों में वो है सवालों में वो।
मेरे सपनों में वो मेरी यादों में वो।
बनके हमसाया मेरा वो चलती रहे।
जिन्दगी भर यूं ही वो संवरती रहे।
वो रहे पास जब तक है जीवन मेरा।
बनके खुशियां सदा वो उमड़ती रहे।
है गुलाबों में वो है किताबों में वो।
मेरी बातों में वो है ख्यालों में वो।
चांदनी रात हो वो मेरे साथ हो।
बस खुशी से भरी प्रेम की बात हो।
पास आये तो वो दूर जाये नहीं।
उस हसीं ख्वाब से जब मुलाकात हो।
मेरी धड़कन में वो मेरी सांसों में वो।
मेरे सपनों में वो मेरी यादों में वो।
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