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अंतरराष्ट्रीय संस्था रचनाकार - एक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक क्रांति का भव्य गणतंत्र उत्सव कार्यक्रम

शब्दाक्षर साहित्यिक संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आज आभासी माध्यम से सम्पन्न हुआ। साढ़े तीन घण्टे चले कार्यक्रम की अध्यक्षता लंदन निवासी विश्वप्रसिद्ध कथाकार , ब्रिटेन के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान से सम्मानित तेजेन्द्र शर्मा जी ने की ।कोलकाता के साहित्य शिरोमणि डॉ प्रेमशंकर त्रिपाठी आयोजन के मुख्य अतिथि थे । रचनाकार के संस्थापक संयोजक चिंतक, अर्थशास्त्री एवं कवि सुरेश चौधरी जी ने स्वागत भाषण में दोनों का परिचय दिया । तेजेन्द्र शर्मा जी ने अपने भाषण में वैश्विक स्तर पर रचनाकार की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था भीड़ से हट कर अनोखी है जो अल्प समय में ही अंतरराष्ट्रीय पहचान बना चुकी है और साहित्य और संस्कृति दोनों क्षेत्रों में कार्य कर रही है। इन्होंने कल हुई दिल्ली की घटना पर भी चिंता व्यक्त की । डॉ प्रेम शंकर त्रिपाठी जी ने काव्य में निरंतर कार्य करने के लिए शब्दाक्षर की सराहना की और बताया कि कैसे कोरोना काल मे संस्था भारत के 23 राज्यों में शाखा प्रारम्भ कर साहित्य की सेवा कर रही है। शब्दाक्षर पत्रिका का लोकार्पण तेजेन्द्र शर्मा जी के द्वारा हुआ। यह त्रैमासिक पत्रिका है जिसके संपादक जगदीश यादव जी हैं। शब्दाक्षर के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संस्थापक रविप्रताप सिंह ने पत्रिका के बारे में बताया और संस्था के कार्य बताए।
कार्यक्रम का प्रारंभ रचनाकार की सभासद निशा कोठरी के मधुर स्वर में राष्ट्र वन्दना प्रियम भारतम से हुआ । अमेरिका से तन्वी पोद्दार और हल्दिया से अपेक्षा साहा के राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत शास्त्री नृत्य ने सबका मन मोह लिया। कोलकाता की वाग्मी त्रिवेदी ने कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया। तत्पश्चात विश्वस्तरीय वीररस का कवि सम्मेलन हुआ,जिसकी अध्यक्षता विश्वप्रसिद्द कवि भूतपूर्व सांसद ओमपाल सिंह ' निडर' ने की, लंदन से आशुतोष कुमार जी के देश भक्ति गीत ने समा बांध दिया, बस्ती उत्तरप्रदेश से सम्मलित हुई ओजस्वी कवयित्री शिवा त्रिपाठी, भोपाल से आज के सशक्त हस्ताक्षर मदन मोहन समर ने श्रोताओं को बांधे रखा, कोलकाता के रविप्रताप सिंह ने चिरपरिचित अंदाज़ में अपनी रचनाएं सुनाई । ओमपाल सिंह जी ने देश के उन लोगो को खरीखोटी कविता के माध्यम से सुनाई जो विघटन में लगे हैं। अंत में सुरेश चौधरी जी ने ओजस्वी स्वर में ओम के स्वरूप को बताया।
कार्यक्रम के तीसरे चरण में मुम्बई से बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायक और संगीतकार सत्यम आनंद जी ने "ऐ मेरे वतन के लोगों" से कार्यक्रम प्रारम्भ किया और आधे घंटे से ज्यादा समय तक अपनी मधुर आवाज में लोगों का मन मोहा। कार्यक्रम के अंत मे चैन्नई से रचनाकार के सभासद श्री ईश्वर करुण ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए अपना एक गीत सुनाया। कार्यक्रम का खूबसूरत संचालन रचनाकार की सभासद एवं पश्चिम बंगाल की नव निर्मित हिंदी अकादमी की सदस्या रचना सरन ने किया।

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