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डॉ गरिमा संजय दुबे की कहानी पर छवि कहाँ समाय को प्रथम पुरस्कार


इंदौर। अखिल भारतीय डॉक्टर कुमुद् टिक्कू कहानी प्रतियोगिता 2019 में साहित्यकार डॉ गरिमा संजय दुबे की कहानी पर छवि कहाँ समाय को देशभर से प्राप्त 115 कहानियों में प्रथम पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हुआ। जिसके तहत सम्मान पत्र व 7000 रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है। निर्णय प्रक्रिया में कहानियों पर लेखक का नाम नहीं होता है । एक पारदर्शी प्रक्रिया के तहत यह प्रतियोगिता संपन्न होती है।  हर वर्ष जयपुर में एक भव्य समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं इस वर्ष भी यह कार्यक्रम 22 मार्च 2020 को जयपुर में आयोजित होना था किंतु महामारी के कारण यह संभव नहीं हुआ अंततः एक ऑनलाइन सम्मान समारोह में यह संपन्न हुआ । कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रसिद्ध साहित्यकार व साहित्य अकादमी से सम्मानित श्रीमती चित्रा मुद्गल थीं उन्होंने पुरस्कृत रचनाकारों को बधाई व शुभकामना प्रेषित की । कहानी "पर छवि कहाँ समाय" पर चर्चा करते हुए मनीष वैद्य जी ने इसे कला, कलाकार व सामाजिक सरोकार के संबंध की कहानी बताया साथ ही इसके दार्शनिक पक्ष पर भी प्रकाश डाला, वहीं निर्णायक व वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती सुदेश बत्रा जी ने इसे अपने ढंग की ऐसी अनोखी कहानी बताया जो आपके जेहन में अटक जाती है और बहुत बड़े सवाल उठाते हुए बैचैन कर देती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती पवन सुराना ने की, विशिष्ट अतिथि श्री अखिल शुक्ला थे व कार्यक्रम का संचालन श्रीमती निलिमा टिक्कू ने किया। इस कार्यक्रम में पूरे देश के कई विजेता साहित्यकार व समीक्षक शामिल हुए, इंदौर से ज्योति जैन, डॉ.दीपा मनीष व्यास, शिरीन भावसार, राज बोहरे, कोमल रामचंदानी आदि शामिल रहे।

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