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ऑपरेशन हीरो राम का लोकार्पण और परिचर्चा

प्रो. राजेशकुमार ने नए शब्द और मुहावरे गढ़े हैं – बी. एल. आच्छा

प्रो. राजेश कुमार की रचनाओं में अनुभवों के रंग हैं – डॉ हरीशकुमार सिंह

उज्जैन | व्यंग्यकार प्रो. राजेशकुमार ने अपने इस व्यंग्य संग्रह में बहुत सारे नए शब्द और मुहावरे गढ़े हैं। व्यंग्य वाणी का लोकतंत्र है। हिंदी में हम बहुत सारी बातें व्यंग्य के माध्यम से कह सकते हैं जो अन्य विधाओं में यह शायद ही सम्भव हो। आज का व्यंग्यकार किसी कवच में नहीं आना चाहता है। वह कवच को फाड़ कर फेंक देता है। उन्होंने कहा कि करुणा भी हो और व्यंजकता भी हो तो व्यंग्य मारक हो जाता है। 
ये विचार देश के सर्वाधिक सक्रिय व्हाट्सएप समूहों में से एक "21वीं सदी के साहित्यकार" के पटल पर डॉ राजेशकुमार की पुस्तक "ऑपरेशन हीरो राम का" लोकार्पण और परिचर्चा प्रसंग के आयोजन पर अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में वरिष्ठ साहित्यकार श्री बी. एल. आच्छा ने व्यक्त किये | प्रमुख वक्ता व्यंग्यकार डा हरीशकुमार सिंह ने कहा कि राजेश जी के पास कहन का सलीका है और कथात्मक शैली के व्यंग्य पढने में रुचिकर,हास्य व्यंग्य से भरपूर हैं। व्यंग्य की भाषा समृद्ध और साहित्यिक है। भाषा में कोई दुरुहता नहीं है बल्कि पाठक को सहज और व्यंग्य से जोड़े रखती है। उन्होंने कहा कि इस संकलन के आलेखों में उनके अनुभवों के रंग हैं | मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार गंगाराम राजी [ हिमाचल प्रदेश ] ने कहा कि व्यंग्य लेखन एक गंभीर कर्म है। डॉ राजेश कुमार के व्यंग्य चेखव की तरह अंत में करुणा की तरफ ले जाते हैं जो एक बड़ी बात है। 
विशिष्ट वक्ता डॉ प्रभात गोस्वामी ने कहा कि जिस प्रकार से मानव शरीर की थाह लेना मुश्किल होता है और चिकित्सक चीरफाड़ कर रोग का निदान करने की कोशिश करता है, ठीक उसी तरह से व्यंग्यकार भी समाज की कुरीतियों के साथ चीरफाड़ करने की कोशिश करता है। इस संग्रह में भी डॉक्टर राजेशकुमार जी ने यही किया है। 
अपने लेखकीय वक्तव्य में डॉक्टर राजेशकुमार जी ने पुस्तक लेखन और पुस्तक प्रकाशन से जुड़ी समस्याओं का उल्लेख किया। इसके साथ-साथ समूह से जुड़े लोगों के बारे में भी अपने मन की बात भी कही। वरिष्ठ कवि और व्यंग्यकार डॉ ललित ललित ने कहा कि यह बड़े ही सौभाग्य की बात है कि इस पुस्तक लोकार्पण और परिचर्चा में देश के जाने-माने साहित्यकार जुड़े और उन्होंने अपनी बात रखी। उन सबके साथ-साथ बड़ी संख्या में जुड़े देश और विदेश के श्रोताओं का भी उन्होंने स्वागत किया । 
पुस्तक लोकार्पण "ऑपरेशन हीरो राम का" अतिथियों द्वारा किया गया | कार्यक्रम का संचालन युवा कवि और व्यंग्यकार रणविजय राव ने किया | उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए और विशिष्ट अतिथियों का परिचय देते हुए कहा कि यह बड़े ही गर्व का विषय है कि आज इस लोकार्पण और परिचर्चा कार्यक्रम में देश के जाने माने साहित्यकार और व्यंग्यकार उपस्थित हैं। डॉ. प्रोफेसर राजेशकुमार एक वरिष्ठ साहित्यकार और भाषा शास्त्री हैं और उन्होंने व्यंग्य के अतिरिक्त अन्य कई विधाओं में भी पुस्तकें लिखी हैं। 
विशिष्ट अतिथियों का स्वागत डॉ विवेकरंजन श्रीवास्तव ने किया | आयोजन में डॉ संजीव कुमार , सुनीता शानू , परवेश जैन , स्नेहा देव , सुषमा व्यास, दीपा स्वामीनाथन , डॉ सुरेशकुमार मिश्र, तीरथसिंह खरबंदा , सुर्यदीप कुशवाहा आदि की भागीदारी रही। आभार डा सुरेश कुमार मिश्र ने व्यक्त किया |

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