✍️बीना रॉय
ये ज़मीं ये आसमां कोई तुझसा कहां
दिल के करीब ही नहीं पूरा दिल है तू मां
मुझको निस्वार्थ भाव से करती है प्यार तू ही
जग में हार जाने पर भी है करती दुलार तू ही
ऐसे तो बहुत है साथी सिर्फ जीत में यहां
दिल के करीब ही नहीं पूरा दिल है तू मां
देती रहती है ऊर्जा मुझको गले लगा के
सहला देती हो माता गलतियों को भुला के
तेरा हृदय विशाल है बिन मांगे दे दे क्षमा
दिल के करीब ही नहीं पूरा दिल है तू मां
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