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याद दिलाती है


✍️पं.दिनेश तिवारी

सूनी रातें फिर से 

   गुरजे हुए दिनों

     की याद दिलाती है। 

 

वो सुहानी शाम 

  सुनहरी रातें मुझे 

    बहुत याद आती हैं।

 

कह जाती है वो

  सब बाते जो 

    बिसर जाती है। 

  ये सूनी रातें बहुत 

     कुछ कह जाती हैं।

 

सुना है सिलसिला

    सूनी रातों फिर से 

        शुरू हो चला है। 

लगता तेरा मेहबूब 

  फिर तुझसे दूर हो चला है।

     

वो सुहानी रातें 

  वो सुहाना समा और 

    अब वो मस्ती कहाँ है। 

      

*इंदौर,मध्य प्रदेश 


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