✍️शिवकुमार दुबे
वीरो की याद में
लगा धूल माथे पर
बिछा देगे पंखुड़िया
पुष्पो की उनकी
स्मृतिशेष यादों में
प्रज्वलित करेंगे दीप
जहाँ से निकलेगी
वीरो की यादों में प्रभातफेरियां
प्रणाम हे। वीर मातृ तुम्हे
जो जन्मा ऐसा वीर
मातृ भूमि में बलिदान होने
निकला घर से सीना तान
हे। वीर बालाओ तुम्हे प्रणाम
वज्र रख ह्रदय पर
लगाकर तिलक
करते हो विदा रणभूमि में
अपने अप्रितम प्यारे को
याद कर तुम्हे चिता राख से
लगाएंगे माथे पर तिलक
चूम लेंगे कब्रो को तुम्हारी
व्यर्थ होगा नही बलिदान
राष्ट्रधर्म के कार्य मे
बलिदान होता वीर हमारा
विसर्जित हो रहे आत्मिक अश्रु
वीरो की गाथाओं पर
रक्तरंजित है रण भूमि
वीरो के रक्तकणों से
अक्षय रखे हुए है
हमारी स्वतंत्रता ये है
वीर जवान हमारे
प्रणाम उन वीरो को
जो करते प्राण निछावर
रक्षा करने मातृभूमि की
अब देश की शान में
लहरायेगा तिरंगा
सीमाएं रहेगी सुरक्षित
जहाँ के वीर जवान
तत्पर हो करने
बलिदान सदैव
*इंदौर
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