कोलकाता। स्व. दुर्गावती चौधरी स्मृति काव्य गोष्ठी श्रृंखला की 16 वी गोष्ठी, जो स्व. दुर्गावती चौधरी के 95 वे जन्मदिवस पर एवं राष्ट्र कवि रामधारी सिंह की 112 वीं जन्म जयन्ती के अवसर पर की गई।। इस गोष्ठी में पूरे देश के उत्तर से दक्षिण तक के 30 कवियों ने भाग लिया। कार्यक्रम रचनाकार मंच एवं सुरेश चौधरी प्रस्तुति द्वारा आयोजित था। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश के पूर्व- प्रधान सचिव एवं प्रख्यात ग़ज़लकार डॉ विनोद प्रकाश गुप्ता ने की और कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि थे राष्ट्रकवि दिनकर के पौत्र श्री अरविंद सिंह दिनकर, जिन्होंने दिनकर जी के साथ बीते बचपन के संस्मरण बताए एवं दिनकर जी के साहित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनकी रचनाएँ प्रभावशाली थीं और उनकी दूरदर्शिता को भी बताती थीं ।कुछ रचनाएँ जैसे आज सत्य होती प्रतीत होती हैं । अरविंद जी ने बताया कि दिनकर जी की सलाह होती थी कि.." जब साहित्य पढ़ो तो/पहले पढ़ो ग्रन्थ प्राचीन,/पढ़ना हो विज्ञान यदि तो,/पोथी पढ़ो नवीन " अरविंद जी ने स्वयं की कविताओं का पाठ भी किया ।
कार्यक्रम का प्रारंभ सुरेश चौधरी जी के स्वागत भाषण एवं रचना सरन की सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम का कुशल संचालन कोलकाता के विख्यात छंदकार विश्वजीत शर्मा 'सागर' एवं रचना सरन ने किया । कार्यक्रम में शिमला से शलभ जी थे तो अन्य शहरों में हिसार से राजेश कुमार पुनिया, दिल्ली से पुनीता सिंह एवं विनय विक्रम सिंह , लखनऊ से डॉ आशुतोष वाजपेयी, जयपुर से कल्याणसिंह शेखावत, जबलपुर से चंदा स्वर्णकार , छत्तीसगढ़ कोरबा से प्रख्यात साहित्यकार सत्यप्रसन्न राव, गौहाटी से मालविका रायमेधी दास, हैदराबाद से दर्शन सिंह, ज्योति नारायण एवं सरिता सुराणा, चेन्नई से ईश्वर करुण एवं काठमांडू नेपाल से जे पी अग्रवाल ने काव्यपाठ कर सबको प्रभावित किया। कोलकाता से रीमा पांडे, के के दुबे, रावेल पुष्प, निशा कोठारी, ज्योति जैन, मौसमी प्रसाद , सुषमा राय पटेल, सुशीला चनानी, सविता पोद्दार, नंद लाल रोशन ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम अध्यक्ष आदरणीय विनोद प्रकाश गुप्ता ने आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा कर अपनी ग़ज़ल सुनाई । अंत में सुरेश चौधरी ने धन्यवाद देते हुए सूचित किया कि अगली 17 वीं गोष्ठी 8 नवंबर को निर्धारित है।
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