✍️पं. दिनेश तिवारी
आओ हम भी एक
पौधा लगाये अपनी
हिस्सेदारी का।
जो जीवन हमने
जिया है,
उसकी वफादरी का ।
हम भी अपनी कुछ
जिम्मेदारी निभाएं ।
आओ हम भी एक
पौधा लगाएं।
चलती रहेगी दुंनियाँ की
जद्दो जहद।
आने वाले जीवन को हम
खुशहाल बनाएं।
आओ हम भी एक
पौधा लगाएं।
पौधा लगाइये और
वर्तमान के साथ साथ
भविष्य को भी
सजीव बनाये।
आओ इक पौधा हम
भी लगाये
*इंदौर, म प्र
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