✍️संजय वर्मा 'दृष्टि'
जब योवन पर आती
नदियाँ
मछलियाँ तब नदी के प्रवाह के
विपरीत प्रवाह पर तैरती
वे छोटी -छोटी धाराओं पर
सीधे चढ़ जाती।
*
नदियाँ मिलना चाहती
समुद्र से और
मछलियाँ देखना चाहती
नदियों का उदगम।
*
सागर से मिलती जब नदियाँ
लाती साथ में
कूड़ा करकट
सागर को यह बताने को
ऐसे हो जाती है हम प्रदूषित
प्रदूषण फैलाने वालों इंसानों से।
*
जल को स्वच्छ बनाने के लिए
बहकर जाती नदियाँ
मछलियों को ये बताती
बस तुम ही तो हो
मुझे स्वच्छ बनाने वाली और
तुम्हारे सहारे ही
हम नदियाँ
रहेंगी भी कुछ समय जीवित।
*
कब तक
जब तक मछलियाँ
तुम रहोगी मेरे जल में
मेरे साथ ।
*
*मनावर जिला -धार (म.प्र )
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