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हिंदी है हम सब की बिंदी








✍️सुषमा मोहन पांडेय

हिंदी है हम सब की बिंदी,

हिंदी का सम्मान करो ।

हम भी बोलें तुम भी बोलो।

सब मिलकर उत्थान करो।

 

हिंदी के रथ को है आगे बढ़ाना,

ध्वज हिन्दी का कभी न झुकाना

हिंदी मीठी भाषा अपनी,

सफल यही अभियान करो 

 

हम भी बोलें तुम भी बोलो,

सब मिलकर उत्थान करो...

 

तुलसी,कबिरा और मीरा ने,

हिंदी का परचम लहराया

महादेवी,औ पन्त,निराला,

बन संवाहक है गुन गाया , 

 

राष्ट्र भाल में हिंदी चमके,

गंगा सा मन दान  करो

 

हिंदी है हम सबकी बिंदी,

हिंदी का सम्मान करो।

 

हिंदी का इतिहास पुराना,

हिंदी के ही गुन  गाओ।

हिंदी है सबकी ही बोली,

हिन्दीमय संसार बनाओ।

 

कश्मीर से केरल तक भी

हिन्दी का आह्वान करो

हम भी बोलें, तुम भी बोलो

इस पर तुम अभिमान करो

 

हिंदी है हम सब की बिंदी,

हिंदी का सम्मान करो।

हम भी बोलें, तुम भी बोलो,

इसका तुम उत्थान करो।

हिंदी है हम सब की बिंदी......

 

*सीतापुर उत्तर प्रदेश

 


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