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दूध  से  जो  कभी  जला  होगा


✍️हमीद कानपुरी

दूध  से  जो  कभी  जला  होगा।

छाछ  भी  फूँक  पी  रहा  होगा।

 

काम  छोटे  करो ज़रा  मिल कर,

काम  कोई    तभी  बड़ा   होगा।

 

साथ  चलता   न  जो  बुराई  के,

साथ  उसके  नहीं   बुरा   होगा।

 

तब लगेगा ज़रा अधिक दमखम,

हाथ  परचम  अगर  बड़ा  होगा।

 

कारवां छोड़ कर  गया  जो कल,

आज दर दर  भटक  रहा  होगा।

 

*कानपुर

 


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