✍️ राजेन्द्र श्रीवास्तव
आज हम भैयाजी का 75वाँ जन्मदिन मना रहे है। हर मनुष्य के जीवन में हर वर्ष एक दिन ऐसा आता है,जो उसके लिए विशेष महत्व का होता है,उन्ही दिनो में एक दिन उसके जन्मदिन का होता है,और कुछ दिन ऐसे होते हैं,जो पूरे जीवन में विशेष होते हैं,जैसे पढ़ाई पूरी होना,आजीविका प्रारम्भ करना,विवाह ,बच्चे,बच्चों का विवाह,अवकाश प्राप्ति,और सबसे विशेष 75 वाँ जन्मदिन।
एक मनुष्य की क़ीमत कैसे पता लगती है?संसार तो इसे सीधे दौलत के हिसाब से तौलता है,पर किसी के जीवन की महत्ता उसकी सम्पत्ति की बहुतायत से नहीं होती,वरन उसके व्यवहार से होती है।जीवन एक प्रतिध्वनि है,यहाँ सब कुछ लौट कर वापिस आता है।भैयाजी ने उक्त कथन के मर्म को अपने जीवन में पूर्ण रूप से उतार लिया है,और आप इस जग को अच्छा से अच्छा ही दिया है।यदि भैयाजी के व्यक्तित्व को देखा जाए तो सब कुछ धनात्मक है,जिस पर एक विशाल मानवता का भवन रिश्तों की मज़बूत ईंट से जुड़ कर खड़ा है आपने पूरे परिवार की सुख समृद्धि के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया,और इसमें भाभी माँ का पूरा सहयोग मिला और आपको ये सबसे बड़ी ख़ुशी होगी कि पूरा परिवार आपकी आकांक्षाओं में खरा उतरा।
भैया जी हम चार भाई बहनो में सबसे बड़े हैं।मेट्रिक पद करने के बाद नौकरी शुरू कर दी थी,परिवार की सहायता के लिए।साथ ही आगे पढ़ते भी रहे और स्नातकोत्तर की उपाधि लेकर बैंक अधिकारी बने।छोटे भाई बहनों को उच्च शिक्षा दिलाई।कम उम्र में पिताजी के देहावसान के बाद पूरे परिवार का भर उठाया।भाई बहनों की अच्छे से शादी कराई और सबको साथ जोड़े रखा।साथ ही समाज सेवा में भी आगे रहे।75वीं वर्षगाँठ के समय भी उन में वही स्फूर्ति और ताज़गी है।
एक सप्ताह पहले से पूरा परिवार इस करोना के समय इसे अच्छे से मनाने की तैयारी शुरू कर दी।बहन ने सलाह दी किइस बार केक नहीं काटा जाएगा और मोमबत्तियाँ फूँक मार कर नहीं बुझाई जाएँगी।उन ने सलाह दी कि इस अवसर पर 75 दीपक जलाए जाएँगे।इस बार परिवार के सभी सदस्य उनके पास नहीं पहुँच सकते और बड़ी पार्टी नहीं हो सकती जैसी 60 वीं वर्षगाँठ पर और शादी की 50 वीं सालगिरह। पर हुई थी,जिसमें किसी शादी जैसा ही समारोह हुआ था,और पूरे रिश्तेदार और मित्रगणों का सम्मिलन हुआ था।
अतः यह तय किया गया कि परिवार के सभी सदस्य अपने अपने घरों में भी दीपक जलायेंऔर अच्छे पकवान बनाएँ।रात में एक ग्रूप विडीओ कॉल किया गया ताकि अमेरिका और इंग्लैंड और रहने वाले भतीजी और भांजे का परिवार भी शामिल हो सकें । सभी लोगों ने अपनी दीपमाला और पकवान साझा किए और एक एक एक करके उन्हें बधाई संदेश दिया और उनके आशिरवचन लिए। इस प्रकार बढ़िया जी की 75 वीं वर्षगाँठ मनाई गई।
*भिलाई नगर ,दुर्ग
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