चेन्नई। बारहवीं के छात्र प्रणत धींग ने 2 सितंबर का अंतरराष्ट्रीय बालकवि सम्मेलन में अपनी प्रस्तुति से सबको मुग्ध कर दिया और भरपूर दाद पाई। भारतीय संस्कृति सेवार्थ न्यास, हरिद्वार एवं फेडरेशन ऑफ कम्युनिटी रेडियो स्टेशन्स, दिल्ली के तत्वावधान में आयोजित यह कार्यक्रम अंतरराष्टींय हिंदी वर्चुअल पखवाड़े के अंतर्गत हुआ। इसमें भारत के तीन और फीज़ी के चार प्रतिभागी थे। दक्षिण भारत के एकमात्र प्रतिभागी प्रणत ने कवि डॉ. दिलीप धींग द्वारा रचित कविताएँ ‘जिया और जीने दो, यह महावीर का नारा है’ एवं ‘दगा किसी का सगा नहीं’ सुनाईं। हिंदी विदुषी डॉं मंजू रुस्तगी ने प्रणत की प्रस्तुति को बहुत ही सुंदर और प्रभावी बताया। अंतरराष्टींय हिंदी प्रचारक और संयाजक डॉ सतीशकुमार शास्त्री प्रणत को आशीर्वाद दिया। संचालक अमित अहलावत ने बताया कि यूट्यूब से कार्यक्रम का सीधा प्रसारण हुआ।
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