✍️पुखराज पथिक
देश की आजादी पर हम , तोहमत कभी न लगाएंगे ।
वन्देमातरम् गाया था ,फिर वन्दे-मातरम् गाएंगे ।
जब तक सूरज चाँद रहेगा, यह जश्न मनाते जाएंगे ।
भाई-चारा और प्रेम की दिल में, शमा नई जलाएंगे ।
नदियां कल-कल गाएंगी , और झरने बहते जाएंगे ।
भारतमाता की गोदी को ,फूलों से सजाएंगे ।
अमर शहीदों के बलिदान को ,हम कभी न भूलने पाएंगे,।
वक्त अगर जो आन पड़ा , तो अपनी जान लुटाएंगे ।
वन्दे -मातरम् गाया था, फिर वन्दे-मातरम् गाएंगे ।
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