✍️अ कीर्ति वर्द्धन
श्री राम के काज में हाथ बटाईये,
सेतु बन्धन हो रहा पत्थर लगाईये।
माना नहीं सामर्थ्य पत्थर उठाने की,
गिलहरी की भांति धूल कण सजाईये।
निज घर को आज दीपों से सजाओ,
एक दीप गली में श्री राम का जलाओ।
रहने न पाये अंधेरा राम राज्य में कहीं,
घर घर में संस्कारों का दीप जलाओ।
आओ आज मिल कर रंगोली बनायें,
दीपमालिका से घर नगर को सजायें।
राम मंदिर निर्माण की शुभ घड़ी आयी,
सनातन की ध्वजा पुनः विश्व में फहरायें।
*मुजफ्फरनगर
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