✍️ममता सिंह
राखी बंधन है प्यार का
भाई पर बहन के एतबार का
कच्चे धागे से जुड़ा है विश्वास का रिश्ता
कलाई पर बँधी रेशम की डोर से,
बंधा है भाई-बहन का रिश्ता
इस बंधन से पवित्र कोई बंधन नही
बहन रेशम की डोर बांधती है
भाई की कलाई पर,
ये रेशम की डोर ही,
वादा है भाई का बहन से
कि खड़ा रहेगा वो हर हाल में
बहन के लिए,
बहन माँगती है दुआ रब से
कि उसका भाई खुश रहे, जहाँ भी रहे
भाई भी करता है बहन से असीम प्रेम,
चाहे बस बना रहे उसके जीवन में सुख-चैन
चाहे दूर रहें दोनों एक दूसरे से,
पर फिक्र सदा बनी रहती है
रक्षाबंधन ही त्योहार है दोनों को पास लाने का,
आपस में प्यार जताने का
ये बंधन है प्यार का,
ये खून का बंधन है,
रक्षाबंधन तो एक दिन है
अगर भाई-बहन का प्यार बना रहे तो,
हर दिन रक्षाबंधन है।।
*24 परगना, प.बंगाल
अपने विचार/रचना आप भी हमें मेल कर सकते है- shabdpravah.ujjain@gmail.com पर।
साहित्य, कला, संस्कृति और समाज से जुड़ी लेख/रचनाएँ/समाचार अब नये वेब पोर्टल शाश्वत सृजन पर देखे- http://shashwatsrijan.com
यूटूयुब चैनल देखें और सब्सक्राइब करे- https://www.youtube.com/channel/UCpRyX9VM7WEY39QytlBjZiw
0 टिप्पणियाँ