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कैसे जाँऊ पीहर



✍️निहाल चन्द्र शिवहरे

कैसे  जाँऊ   मैं   सावन   में पीहर        

चहूँ  ओर  फैला  कोरोना का  डर        

रेल ,बस  हैं बंद  कैसे   करें सफर       

रहोगे सुरक्षित न छोड़ो अपना घर       

 

अमिया की डार पै सखियों के संग      

सावन की ऋतु  में झूले सी   उमंग      

तालाबों  में  बालक   करें   हुड़दंग     

छोटू  न  करेगा बुआजी को    तंग      

 

कोरोना  काल  मजबूर  है  बहना            

भाई  कहे न मन चाहे  जो कहना             

ई राखी  वाट्सएप  पर भेज  देना           

रहेगी  ई  राखी  की चमक बहना       

 

*झाँसी

 


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