✍️सोनल पंजवानी
ज़िन्दगी आ तुझे गले लगाऊँ मैं
तेरी हर ज़िद से हार जाऊँ मैं
तूने तोड़ा है हर भरम अबतक
तुझ बिन अब जी न पाऊँ मैं
कैसी कसक है कैसी तडप है तौबा
ख्वाबों में अक्सर तुझे जो पाऊँ मैं
जिस्त मेरी, थी और है तन्हा
आ.. के तुझको गले लगाऊँ मैं।
*निपानिया, इंदौर
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