कानपुर। एक जुलाई को परमवीर चक्र विजेता अजेय पैटन टैंक विध्वंसक अमर शहीद वीर अब्दुल हमीद इदरीसी की जयन्ती व वीरता यात्रा का आयोजन इदरीसी समाज के राष्ट्रीय संगठन *यूनाइटेड इदरीसी फ्रंट की कानपुर इकाई* द्वारा कारगिल पार्क, मोती झील, कानपुर में किया गया।इस कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का शत प्रतिशत पालन करते हुए अमर शहीद वीर अब्दुल हमीद इदरीसी के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।इस अवसर पर परमवीर को खिराज़ ए अक़ीदत पेश करते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सलाहकार ए.एच.इदरीसी (हमीद कानपुरी) ने बताया कि वीर अ. ह. का जन्म 01 जुलाई 1933 को गाजीपुर जिले के धामूपुर में हुआ था।बचपन से ही पहलवानी का शौक़ रखने वाले अ.ह.का मन सिलाई के पेशे में नहीं लगा। कड़ी मेहनत के बाद आप भारतीय सेना में शामिल हो गए।आपने 1962 में भारत चीन युद्ध में हिस्सा लिया था। तत्पश्चात 1965 की हिन्द पाक जंग में जब पाकिस्तानी फौज अजेय अमेरिकी पैटन टैंकों के बलबूते अमृतसर की ओर बढ़ी चली आ रही थी।उस समय अदम्य वीरता और सटीक निशाने के बलबूते अब्दुल हमीद ने अपनी जीप गन के जरिए एक एक कर सात टैंकों कओ को ध्वस्त कर पाक फौज के मंसूबों पर पानी फेर दिया और आठवें टैंक को निशाना बनाने की कोशिश में टैंक के गोले का शिकार हो कर वीरगति को प्राप्त हुब। *वीरता यात्रा* का नेतृत्व करते हुए ज़िला अध्यक्ष आसिफ कादरी इदरीसी ने सरकार व देश वासियों को भरोसा दिलाया कि आज भी हमारी क़ौम में वतन परस्ती और बहादुरी का जज़्बा कूट कूट कर भरा है। वक्त आने पर हम चीनी फौज कओ को ऐसा सबक़ सिखायेंगे कि ड्रैगन आर्मी भूलकर भी भारतीय भूमि पर क़दम रखने की जुर्रत नहीं करेगी। इस अवसर पर डा शरीफ़, डा हाशिम,अनवर,मुहीब आलम ,वसीम, निजामुद्दीन, रिज़वान, सलमान,सैफ,अमन इदरीसी ने पुरजोश अंदाज में परमवीर को खिराज ए अकीदत का नज़राना पेश किया।
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