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भरी महफ़िल में तुम से आंख हम कैसे मिला पाऐं



*सुखवीर चौधरी

भरी महफ़िल में तुम से आंख हम कैसे मिला पाऐं ,

हमारे  दिल  में  बस  तुम  हो भला कैसे दिखा पाऐं।

 

ख़ुदा भी रूठकर हम से कहीं जाकर के बैठा है ,

हमें  तरक़ीब  दो  ऐसी  ख़ुदा  को हम मना पाऐं ।

 

हमें  आशिक़  बना  कर  तुम कहीं पागल न कर देना ,

ख़ुदा  तालीम  दो  ऐसी  लगी दिल की बुझा पाऐं ।

 

हमारे  दिल  हमारे  प्यार  की जिन को नहीं चिंता ,

बताओ कैसे उन से प्यार का रिश्ता निभा पाऐं ।

 

हमारी जान के दुश्मन ज़माने में हज़ारों है ,

बताओ  कैसे  उन से  दुश्मनी को हम मिटा पाऐं ।

 

मथुरा (उत्तर प्रदेश )

 


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