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भाषाओं के संरक्षण में शिक्षकों की भूमिका



दिल्ली। हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा  'भाषाओं के संरक्षण में शिक्षकों की भूमिका' विषयक वेब संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस वेब संगोष्ठी के विशिष्ट वक्ताओं के रूप में शिक्षाविद, लेखिका, समीक्षक एवं मीडिया विश्लेषक प्रो. कुमुद शर्मा , कवि, लेखक एवं प्रशासनिक सेवा अधिकारी (आईएएस) राकेश मिश्र , वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष अवनीश कुमार तथा हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक  उपस्थित थे। हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका 'हिन्दुस्तानी भाषा भारती' के संथाली भाषा विशेषांक के लोकार्पण के साथ ही आयोजन का शुभारंभ किया गया। इस संगोष्ठी को दो सत्रों में आयोजित किया गया। प्रथम सत्र में विशिष्ट वक्ताओं ने भाषाओं के संरक्षण में शिक्षकों की रचनात्मक एवं महत्वपूर्ण भूमिका के संबंध में अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए वहीं दूसरे सत्र में प्रतिभागियों के लिए प्रश्नोत्तर सत्र किया गया जहाँ वक्ताओं ने उनके जिज्ञासाओं एवं प्रश्नों का तर्कपूर्ण उत्तर दिया। साहित्य एवं मीडिया से लम्बे समय से जुड़े तथा ऑल इंडिया रेडियो, राँची में कार्यरत सुनील बादल ने संथाली भाषा की वर्तमान स्थिति के बारे में बहुत ही गंभीर मुद्दे को उठाया। संगोष्ठी का संचालन श्रीमती सोनिया अरोड़ा, श्रीमती शकुन्तला मित्तल एवं श्रीमती अंजु रोहिल्ला द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर पत्रिका के संयुक्त संपादक राजकुमार श्रेष्ठ, प्रबंध संपादक विजय कुमार शर्मा, भूपेन्द्र सेठी एवं शिक्षक प्रकोष्ठ के लगभग 60 सदस्य उपस्थित थे तथा धन्यवाद ज्ञापन पत्रिका की परामर्श संपादक श्रीमती सुरेखा शर्मा ने किया ।


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