म.प्र. साहित्य अकादमी भोपाल द्वारा नारदमुनि पुरस्कार से अलंकृत

व्यायाम का महत्व



*डॉ वर्षा सिंह 


प्रतिदिन योगाभ्यास से, सदा रहोगे स्वस्थ
भिन्न योगासन से हो,रोग सभी फिर ध्वस्त ।


भीतर बाहर के सभी, पुष्ट रहेंगे अंग
वैध पास ना जाओगे, योग रहे जब संग ।


नष्ट रोग जड़ से करें, योग करें जब वार
आभा चेहरे की बढ़े, तन के दूर विकार।


बचपन से व्यायाम का, प्रतिदिन हो अभ्यास
जीवन में फिर व्याधियाँ, कभी ना आए पास ।


डरे बुढापा योग से, योग बड़ा दमदार 
ले जाए बस योग ही, उम्र शतक के पार ।


सौ रोग की एक दवा, इसका नहीं विकल्प 
प्राणायाम रोज करें, करो अभी संकल्प ।


*मुंबई


 


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