*डॉ कैलाश सुमन
पापा एक दिलाओ बीन।
उस पर नहीं लिखा हो चीन।।
बीन बजाकर उसे नचाऊँ।
जिसका जुर्म बहुत संगीन।।
भ्रम से बगुला भूल गया है।
समझ रहा नाहर को मीन।।
छल से करे हताहत हमको।
वह साला जिन पिंग कमीन।।
हम बच्चों की सेना जाकर।
वापस ले लें दबी जमीन।।
*मुरैना ,मध्यप्रदेश
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