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मन - शुद्ध बनाता योग






*रामगोपाल राही 

 

तन को पुष्ट बनाता योग 

मन  - शुद्ध बनाता योग |

निर्मलता जीवन में आती ,

सोच प्रबुद्ध बनाता  योग ||

 

बदन चमकता रहे लचीला 

कम वजन कर  देता योग |

रहे शांति   स्थिरता  मन में      ,

तन- स्वस्थ बनाता योग ||

 

है शारीरिक लाभ योग से ,

लाभ मानसिक -करे योग |

श्वास क्रिया गुणकारी होती ,

मस्तिष्क स्वच्छ करे योग  ||

 

वैचारिकता निखरी  निखरी  ,

तन में फुर्ती लाता योग |

रहे ताजगी सच बदन में    

- उर्जा नित्य भरता योग ||

 

चिंताओं से राहत मिलती ,

जीवन  सहज  बनादे  योग |

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती 

तन  को  सजग बनादे  योग ||

 

तनावों  से दूर रहे मन ,

एकाग्र कर देता योग |

 प्रणाम ध्यान जीवन में 

शुद्ध भाव पनपाता  योग||

 

कार्य क्षमता  भी बढ़ाता ,

सुख शांति का दाता योग | 

ईश्वर से जुड़ाव हृदय से -

रखें -हमें सिखाता योग |

 

अंतर्दृष्टि ज्ञान बढ़ा - लाभ ,

 -कई   पहुँचाता  योग |

प्रकृति से प्रेम सभी को ,

करना भी - सिखाता योग ||

 

*लाखेरी ,जिला बूंदी (राज)



 


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