*टीकम चन्दर ढोडरिया
सोन परी उसको कहते है
मैंनें देखा सच कहते है
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सुमन खिले उसके गालों पर
बातों में मोती झरते है
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घुल जाती खुशबू मौसम में
बाल हवा में जब उड़ते है
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घुलता उबटन जब जब जल में
सागर में मोती बनते है
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मन करता है छूलूँ उसको
मैला होनें से डरते है
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बदलेंगे दिन यह बदलेंगे
हम सुनते है वह कहते है
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कैसे कहदे हम है मानव
यह कहते भी अब डरते है
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कितना भी भूलूँ मुश्किल है
रह रह घुँघरू बज उठते है
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नदी किनारें छाँव नीम की
आओं चल बातें करते है
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*छबड़ा जिला बारां राजस्थान
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