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मैंनें  देखा सच  कहते  है



*टीकम चन्दर ढोडरिया


सोन परी उसको कहते है

मैंनें  देखा सच  कहते  है

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सुमन खिले उसके गालों पर

बातों  में  मोती  झरते  है

            ***

घुल जाती खुशबू मौसम में

बाल हवा में जब उड़ते है

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घुलता उबटन जब जब जल में

सागर  में  मोती  बनते  है

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मन करता है छूलूँ उसको

मैला  होनें  से  डरते   है

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बदलेंगे दिन यह बदलेंगे

हम सुनते है वह कहते है

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कैसे कहदे हम है मानव

यह कहते भी अब डरते है

                    ***

कितना भी भूलूँ मुश्किल है

रह रह घुँघरू बज उठते है

            ..***

नदी किनारें छाँव नीम की

आओं चल  बातें करते है

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*छबड़ा जिला बारां राजस्थान

 


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