*सविता दास सवि
कुछ कोशिशें बेकार हो
ज़रूरी नही सब असरदार हो
कठिन हो राह संघर्ष की
और सफलता शानदार हो....
जीवन का लक्ष्य पाने को
क्यों खंगाले इतिहास को
बन सकता है आदर्श तू भी
बस ख़ुद से वफादार हो
आवेग जब शस्त्र बन जाए
निराशा भी दिशा बन जाए
दम तोड़ देती है हर मुश्किल
जब हौसलों का पलटवार हो
ना कोस अब हालातों को
देख क्या है निभाने को
कर्तव्य हो या रिश्ते हो
बस ख़ुद ही जिम्मेदार हो
कठिन हो राह संघर्ष की
और सफलता शानदार हो....
*तेजपुर ,शोणितपुर,असम
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