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भुला न देना



*डॉ. प्रतिमा विश्वकर्मा 'मौली'
मन की डाली पर बैठी
यादो की मैना
कहती क्या सजन सुनो न
भुला न देना, भुला न देना


आखों में महकते हुए 
वादों के फूल
सहेज के रखे हैं चुन चुन
विखरा न देना ,बिखरा न देना


तन की शाख पर लिपटी
ख्वाबो की बेल
पिया मिलन को बैचेन
बिसरा  न देना ,बिसरा  न देना


प्राण उपवन में समाई
पूजन की लगन
तुम्हारे देवत्व में मलंग
ठुकरा न देना ठुकरा न देना |


*कोटा,आमानाका, रायपुर (छत्तीसगढ)


 


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