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बहुत भला होगा



*अनुज पांडेय

बहुत भला होगा।

 

सरितरूपी जीवन में

आशाएँ रखकर, बेहिचक

थोड़ा- सा तुम

उतार- चढ़ाव जब झेलो,

 

बहुत भला होगा।

 

कभी हार,कभी जीत

जीवन रूपी खेल में

ऊर्जा के साथ

मग्न होकर जब खेलो,

 

बहुत भला होगा।

 

मंज़िल पाने के लिए

राहों में बढ़ते हुए

सहचर समझकर

विपद को संग में ले लो,

 

बहुत भला होगा।

 

*गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) 

 


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