* डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
हे बलिदानी,हे अमर शहीद,
तुम थे सच्चे क्रांतिकारी।
जयंती पर्व पर कोटि नमन,
हम सब हैं आपके आभारी।।
पंडित रामप्रसाद जी थे,
आर्य विचारधारा पोषक।
ऋषि दयानंद का दीवाना,
कैसे सह सकता था शोषक।।
भारत माता की मुक्ति को,
करते रहते थे वह प्रयास।
काकोरी कांड होने वाला,
सत्ता को न होने दिया आभास।।
अपने मित्रों को संग लेकर,
इस लूटकांड को दिया अंजाम।
इतिहास में दर्ज काकोरी कांड,
हर दिल में दर्ज है तेरा नाम।।
बिस्मिल उपनाम शायरी में,
करते थे पंडित जी प्रयोग।
उनकी नज्में, उनकी ग़ज़लें
गाया करते थे आम लोग।।
हर देशप्रेमी मानव के मन,
अंकित है "बिस्मिल" जी का नाम।
हैं शब्द सुमन अर्पण तुमको,
स्वीकार कीजिए मम प्रणाम।।
*धामपुर (बिजनौर)
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